फ्यूचर ग्रुप की बदहाली की खबरें काफी दिन से सुनने में आ रही हैं और आज एक और खबर सुनने में आ रही है कि आई पी एल 2020 की
एसोसिएट -स्पॉन्सरशिप से भी आखिरी समय में यह ग्रुप पीछे हट गया है।
अपुष्ट सूत्रों से सुनने में यह भी आ रहा है कि इसे 'जिओ मार्ट' द्वारा खरीदने की तैयारी है। सच यह है कि फ्यूचर ग्रुप, खासकर बिग बाजार पर रिलायंस की नजर आज से नहीं एक लंबे समय से है/ थी ।
बिग बाजार छोड़े हुए मुझे ही 10 वर्ष से ज्यादा हो गया है और जिस दौरान बिग बाजार स्टोर्स का एक्सपेन्शन हो रहा था यानी एक ही शहर में जगह-जगह स्टोर्स खोले जा रहे थे, उस दौरान भी रिलायंस द्वारा इसे खरीदने के प्रयासों की बातें सामने आ रही थीं।
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(चित्र में आगरा बिग बाजार के तत्कालीन स्टोर मैनेजर श्री गौतम जोशी जी के साथ मैं और अन्य सहकर्मीगण) |
उस समय भी हम कुछ कर्मचारियों का एक वर्ग आंतरिक तौर पर इस स्टोर एक्सपेन्शन से चिंतित था क्योंकि इतने बड़े स्टोर्स एक शहर में 1-2 हों तो ही प्रॉफ़िट जेनरेशन के लिए अच्छा होगा। लेकिन पता नहीं किस दिमाग से एक ही शहर में 4-4 बिग बाजार (जैसे लखनऊ में ही 4 से ज्यादा स्टोर्स हैं) खोल दिये गए और कर्मचारियों से उम्मीद की जाने लगी कि वे सेल्स टारगेट पूरे करके दें।
2006 में आगरा के पैसिफिक मॉल वाला स्टोर, जहाँ से मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी, बहुत पहले ही बंद हो चुका है। क्योंकि हरिपर्वत स्थित रतन मॉल वाले स्टोर ने एक बड़ा फुटफ़ॉल कैप्चर कर लिया और लोग फतेहाबाद रोड जाने से हिचकने लगे।
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(15 सितंबर 2006 को आगरा में पहला बिगबाजार खुला जिसका समाचार 16 सितंबर के 'हिंदुस्तान' में प्रकाशित हुआ था) |
बहरहाल अब जो हो रहा है, कुछ लोगों को इसका अंदाज पहले से ही था इसलिए फ्यूचर ग्रुप की इस हालत पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। यह और बात है कि जो लोग इससे जुड़े हैं या जुड़े रहे हैं उनकी यादों में यह हमेशा जीवित रहेगा।
-यशवन्त माथुर ©
26082020