गूंज उठे नभ जयकारों से
राग देश का ऐसा गाओ
भारत के इस मंगल पर्व पर
संकल्प समरसता का दोहराओ।
बांटने वाले हर विकार को
मन से अपने दूर हटाओ
एक ज़मीं पर एक हमीं हैं
एक सूत्र से सब बंध जाओ।
संस्कृतियों के समवेत स्वर से
अखिल शांति का गीत बनाओ
विश्व सुने सिर्फ अपनी गाथा
राग देश का ऐसा गाओ।
-यशवन्त माथुर ©
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद सर!
Deleteबहुत सुन्दर देशभक्तिपूर्ण गीत। आभार। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद!
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteविश्व सुने सिर्फ अपनी गाथा
ReplyDeleteराग देश का ऐसा गाओ।
बहुत ही शानदार गीत
वाह!!!
स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएं।
हार्दिक धन्यवाद!
Deleteवाह ! देश भक्ति पूर्ण सुंदर रचना
ReplyDelete