17 September 2020

चाहिए

जो बैठे हैं बेकार उनको रोज़गार चाहिए।
जो सुने सबकी पुकार ऐसी सरकार चाहिए।

खुशहाल मजदूर-किसान-नौ जवान चाहिए।
दो जून की रोटी, कपड़ा और मकान चाहिए।

संविधान की प्रस्तावना का स्वीकार चाहिए।
शोषण मुक्त समाज का स्वप्न साकार चाहिए।

जागृति के गीतों का अब आह्वान चाहिए।  
प्रगति की राह पर नया अभियान चाहिए।

-यशवन्त माथुर ©
17092020
#बेरोजगार दिवस

5 comments:

  1. वाह!!!
    बहुत सुन्दर ...लाजवाब।

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. जागृति के गीतों का अब आह्वान चाहिए।
    प्रगति की राह पर नया अभियान चाहिए।

    अच्छी पंक्तियां...
    साधुवाद। 🙏

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  4. जोश दिलाती पंक्तियाँ

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