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04 October 2020

कुछ लोग -52

कुछ लोग 
जो उड़ रहे हैं आज
समय की हवा में 
शायद नहीं जानते 
कि हवा के ये तेज़ झोंके 
वेग कम होने पर 
जब ला पटकते हैं धरती पर 
तब कोई
नहीं रह पाता काबिल 
फिर से सिर उठाकर 
धारा के साथ 
चलते जाने के।
 
इसलिए 
संभल जाओ 
समझ जाओ 
मैं चाहता हूँ 
कि जान पाओ 
और कह पाओ 
सही को सही 
गलत को गलत 
क्योंकि 
यह चिर स्थायी गति 
शून्य से शुरू हो कर 
शून्य पर ही पहुँच कर 
देश और काल की 
हर सीमा से परे 
कुछ लोगों के 
आडंबरों का विध्वंस कर 
सब कुछ बदल देती है।  

-यशवन्त माथुर ©
04102020

'कुछ लोग' शृंखला की अन्य पोस्ट्स यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं। 

8 comments:

  1. बहुत बढ़िया

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  2. सही को सही और गलत को गलत कहने की ताकत ही कलम की असली ताकत है

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  3. सचेत करती हुई सुन्दर अभिव्यक्ति।

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  4. सादर नमस्कार ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (6-10-2020 ) को "उन बुज़ुर्गों को कभी दिल से ख़फा मत करना. "(चर्चा अंक - 3846) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    ---
    कामिनी सिन्हा

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  5. कुछ लोग
    जो उड़ रहे हैं आज
    समय की हवा में
    शायद नहीं जानते
    कि हवा के ये तेज़ झोंके
    वेग कम होने पर
    जब ला पटकते हैं धरती पर
    इसीलिए कहते हैं जमीन से जुड़े रहो ...
    बहुत सुन्दर लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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  6. आगाह करती सुंदर अभिव्यक्ति सर ।

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  7. बहुत सुंदर रचना

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