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कुछ छोटी - छोटी बातें
जो बड़ों के लिये
साधारण ही होती हैं
लेकिन
हम तो बस खुश हो लेते हैं
प्यार से
किसी के चूम लेने भर से
या फिर यूं ही
किसी की गुदगुदी से
हमारे लिये
थोड़ी सी रेत ही काफी है
जिससे बना लेते हैं
अपने सपनों का घर
हमारे खेलने के लिये
मुट्ठी भर बर्फ ही बेहतर है
क्योंकि हमें आदत है
जीवन के साथ चलते जाने की
बस इसीलिए
बिना झिझक
तुम भी कर सकते हो
कह सकते हो
छोटी-छोटी बातें
जिनमें बड़े-बड़े सपने
आकार ले कर
बदल जाते हैं
भविष्य से
वर्तमान में।
-यशवन्त माथुर ©
05112020
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति यशवंत जी । मन को छू लेने वाली ।
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०७-११-२०२०) को 'मन की वीथियां' (चर्चा अंक- ३८७८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०७-११-२०२०) को 'मन की वीथियां' (चर्चा अंक- ३८७८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
वाह... यशवंत जी,
ReplyDeleteआपकी छोटी-छोटी बातों में कितनी बड़ी और गम्भीर बातें समाहित हैं...
यथा गागर में सागर..
साधुवाद 🙏
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत सुंदर..!
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteछोटी-छोटी बातों में हैं बातें बड़ी
ReplyDeleteभूलें नहीं हम बीती हुई एक छोटी घड़ी ।।
आपकी कविता पढ़कर यह गीत याद आ गया, कविता अतीत की बात नहीं करती बल्कि भविष्य को भी वर्तमान में लाकर खड़ा कर देती है, अति सुंदर !