05 November 2020

छोटी - छोटी बातें

PC:Bel Hamid..Posted in a Facebook group
आओ कर लें 
कुछ छोटी - छोटी बातें 
जो बड़ों के लिये 
साधारण ही होती हैं 
लेकिन 
हम तो बस खुश हो लेते हैं 
प्यार से 
किसी के चूम लेने भर से 
या फिर यूं ही 
किसी की गुदगुदी से 
हमारे लिये 
थोड़ी सी रेत ही काफी है 
जिससे बना लेते हैं 
अपने सपनों का घर 
हमारे खेलने के लिये 
मुट्ठी भर बर्फ ही बेहतर है 
क्योंकि हमें आदत है 
जीवन के साथ चलते जाने की 
बस इसीलिए 
बिना झिझक 
तुम भी कर सकते हो 
कह सकते हो 
छोटी-छोटी बातें 
जिनमें बड़े-बड़े सपने 
आकार ले कर 
बदल जाते हैं 
भविष्य से 
वर्तमान में। 

-यशवन्त माथुर ©
05112020 

8 comments:

  1. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति यशवंत जी । मन को छू लेने वाली ।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०७-११-२०२०) को 'मन की वीथियां' (चर्चा अंक- ३८७८) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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  3. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०७-११-२०२०) को 'मन की वीथियां' (चर्चा अंक- ३८७८) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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  4. वाह... यशवंत जी,
    आपकी छोटी-छोटी बातों में कितनी बड़ी और गम्भीर बातें समाहित हैं...

    यथा गागर में सागर..


    साधुवाद 🙏
    सादर,
    डॉ. वर्षा सिंह

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  5. सुंदर प्रस्तुति

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  6. सुंदर प्रस्तुति

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  7. छोटी-छोटी बातों में हैं बातें बड़ी
    भूलें नहीं हम बीती हुई एक छोटी घड़ी ।।

    आपकी कविता पढ़कर यह गीत याद आ गया, कविता अतीत की बात नहीं करती बल्कि भविष्य को भी वर्तमान में लाकर खड़ा कर देती है, अति सुंदर !

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