07 January 2021

कुछ लोग -54

दूसरों के सुख से दुखी 
और 
दुख से सुखी महसूस करने वाले 
कुछ लोग 
कभी-कभी 
बेहयायी से 
आने देते हैं 
बाहर 
भीतर के क्रूर 
और वीभत्स रूप को 
क्योंकि 
वे जानते हैं 
सामने वाले की 
मजबूरी 
और मनोदशा को 
क्योंकि 
उन्हें होता है गुमान 
कि समय का कोई भी प्रहार 
भेद नहीं पाएगा 
उनके निर्लज्ज शब्दों की ढाल को 
लेकिन तब भी 
वो दिन 
वो पल आता ही है 
जब बंद पलकों के पर्दे पर 
चलता हुआ 
बीते दौर का चित्र 
कारण बनता है 
उनके विचित्र अवसान का। 

-यशवन्त माथुर ©
07012021

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15 comments:

  1. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 08-01-2021) को "आम सा ये आदमी जो अड़ गया." (चर्चा अंक- 3940) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    धन्यवाद.

    "मीना भारद्वाज"

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    1. हार्दिक धन्यवाद मीना जी!

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  2. आपका एक-एक शब्द मेरे हृदय की गहनता में जा पैठा है यशवंत जी क्योंकि मैं ऐसे सैडिस्टों को जानता भी हूँ तथा उनके कारण भुक्तभोगी भी रहा हूँ ।

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    1. सर! हमारा तो वास्ता फिलहाल ऐसे ही लोगों से पड़ रहा है।

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  3. कुत्सित विचारों से लबरेज कुछ लोग ऐसी मानसिकता से ग्रसित होते हैं..पर वक़्त हर बात का जवाब देता है चाहे सही हो या गलत..

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    1. जिज्ञासा जी! वक़्त जवाब देता तो है लेकिन कभी कभी उस वक़्त का इंतजार बहुत बोझिल हो जाता है।

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  4. ऐसा ही होता है पर समझ में नहीं आता है । सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।

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  5. जब बंद पलकों के पर्दे पर
    चलता हुआ
    बीते दौर का चित्र
    कारण बनता है
    उनके विचित्र अवसान का।

    कोमल भावनाओं से ओतप्रोत बहुत सुंदर रचना... 🌹🙏🌹

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  6. कुछ लोग ऐसे ही होते है। वे यह भूल जाते है कि जिंदगी में सुख दुख का चक्र चलता रहता है। ऐसे में कब चक्र घूम जाए सुर दुख आ जाए पता भी नही चलता।

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  7. समय के पर्दे पर कुछ भी अनदेखा नहीं रह जाता, काल के आगे किसी की नहीं चलती

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  8. सार्थक प्रस्तुति

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  9. कुछ लोग लेकिन..
    उन कुछ लोगों का जवाब हैं..
    वो कुछ लोग बेख्याल हैं जो..
    ये कुछ लोग ख़यालो की मिसाल हैं..
    वो कुछ लोग खो जाएंगे उत्थान और पतन के भ्रम में
    साधारण हैं कुछ लोग बहुत..लेकिन दयार ए मशाल हैं..

    आप को समर्पित..प्रेरणा के लिए धन्यवाद

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