इतिहास में तो न जाने क्या क्या क़त्ल हो जाता है ...विचारणीय .
जी हाँ यशवंत जी ।
वही इतिहास कालांतर में पुराण बनकर जीवित रहता है मनों में
बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
इतिहास श्रुति बनकर गूँजता रहता है...वक्त के कत्लखाने में...सटीक एवं सार्थक सृजन।
इतिहास में तो न जाने क्या क्या क़त्ल हो जाता है ...विचारणीय .
ReplyDeleteजी हाँ यशवंत जी ।
ReplyDeleteवही इतिहास कालांतर में पुराण बनकर जीवित रहता है मनों में
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ReplyDeleteइतिहास श्रुति बनकर गूँजता रहता है...
ReplyDeleteवक्त के कत्लखाने में...
सटीक एवं सार्थक सृजन।