इसके पहले कैसा था
इसके पहले ऐसा था
वैसा था, जैसा था
थोड़ा था
लेकिन पैसा था।
इसके पहले थे
अच्छे दिन
कटते नहीं थे
यूँ गिन-गिन।
इसके पहले दाना था
दो वक़्त का खाना था
खुली सड़क पर
हर गरीब का
यूँ ही आना-जाना था।
लेकिन अब-
अब बदल गया है ज़माना
रुक गया है आना-जाना
बड़ी मुश्किल में पीना-खाना
सुबह-शाम चूल्हा जलाना।
इंसान से महंगा हो गया तेल
पास सभी हैं कोई ना फेल
रुपये से डॉलर ऐंठ कर कहता
'उसकी' करनी अब तू झेल।
04062021