फुटपाथ पे हर रहने वाले को,
सांस हर एक गिन-गिन मुबारक।
जूठन ढूंढते लावारिस बचपन को,
हर सपने में टिफिन मुबारक।
आजादी का दिन मुबारक।
महंगाई में आटा गीला,
गहने जैसी गैस मुबारक।
साक्षर होना कोई न चाहे,
पढ़ाई-लिखाई पर टैक्स मुबारक।
आजादी का दिन मुबारक।
अन्नदाता किसान मर रहा,
आंसुओं को उसका दुख मुबारक।
खून चूस कर जो गुल्लक भरता,
उसको पल भर सुख मुबारक।
आजादी का दिन मुबारक।
अपने घर मणिपुर जलता,
लेकिन रशिया-यूक्रेन मुबारक।
सच की आवाज़ बनने वालों को
संसद का निष्कासन मुबारक।
आजादी का दिन मुबारक।
आजादी का दिन मुबारक।
एक निवेदन-
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति
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