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31 October 2024

दीप जलता रहे

हमारे चारों ओर के
इस घने अंधेरे में 
समय थोड़ा ही हो 
भले उजेला होने में 

विश्वास आत्म का 
आत्म पर यूं ही बना रहे
साकार हर स्वप्न 
सदा होता रहे

अपने हर सरल - 
कठिन रूप में
जीवन जगमगाता रहे
दीप जलता रहे
उजास लाता रहे।

✓यशवन्त माथुर©

🪔आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 🪔

4 comments:

  1. सुंदर प्रार्थना, शुभ दीपावली!

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  2. बहुत सुन्दर

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 6 नवंबर को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।

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  4. सुन्दर अभिलाषा! ऐसा ही हो!

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