शीत को उसकी लहर मुबारक
सबको कोट और शाल मुबारक
साल मुबारक।
फुटपाथ पर हैरान-परेशान आदमी
कंबल-रजाई की आस मुबारक
साँस मुबारक।
जिनको नसीब नहीं पूरे कपड़े
उनको अधूरे ख्वाब मुबारक
मार मुबारक।
मैं तो यूं ही पागल हूँ
बेमतलब की बात मुबारक
सबको अपना हाल मुबारक।
साल मुबारक।
एक निवेदन-
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शुभकामनाएं नववर्ष पर |
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