11 January 2025

अपना सही पता दे......



तू आसमां में है
लेकिन अपना
सही पता दे।

कौन जात है तेरी
धर्म क्या
भाषा और अपना
करम बता दे।

हर कोई 
अपनी तरह पूजता।
कोई सुंदर 
कोई कुरूप बूझता।

मावस की रात में
कहां चांदनी 
को लेकर तू जाता रे।

ऐसे तक मत
धरती को चांद!
अपना सही 
पता बता रे।

✓यशवन्त माथुर©
11 जनवरी 2025

2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 15 जनवरी 2025 को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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