यूं तो
बहुत कुछ
स्याह - सफेद
लगा ही रहता है
जीवन में
बने रहते हैं
कुछ दर्द
हमेशा के लिए
फिर भी
आते-जाते
चलते-फिरते
हमारा वास्ता
पड़ता ही है
रंगों से।
रंग
कुछ होते हैं
हमारी पसंद के
और कुछ को
हम
देखना भी नहीं चाहते
फिर भी रंग
समेटे होते हैं
अपने भीतर
बहुत सा
सुख-दुख
और कुछ पल
जिनको जी कर
हम बस यही चाहते हैं
कि रंग बने रहें
हमेशा के लिए।
एक निवेदन-
इस ब्लॉग पर कुछ विज्ञापन प्रदर्शित हो रहे हैं। आपके मात्र 1 या 2 क्लिक मुझे कुछ आर्थिक सहायता कर सकते हैं।