मैं यशवन्त माथुर ( यशवन्त राज बली माथुर)। जन्म से ले कर जीवन के 22 वर्षों तक आगरा में रहा, वहीं से (डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी ) प्रथम श्रेणी में बी.कॉम (वर्ष 2005 में) भी पास किया।
जीवन आता-जाता रहता है, कुछ बिछड़ते हैं कुछ नये मिलते हैं; सत्य किन्तु कड़वे अनुभवों के कारण उस शहर को छोड़ने का हर पल मन होता था। नौकरी की शुरुआत भी वर्ष 2006 में वहीं बिग बाजार से हुई; लेकिन मौका देख कर आगरा से मेरठ पी. वी. एस. मॉल, फिर कानपुर (किदवई नगर) ट्रांसफर लेता गया और फिर कुछ व्यक्तिगत कारणों से लगभग 3 वर्ष 11 माह के अनुभव के साथ मई 2010 में इस पहली नौकरी से कानपुर में ही रिजाइन कर दिया। इसके उपरांत 2016 तक एक असफल बिजनेस से मुक्ति पाकर रिलायंस जियो में 1 वर्ष का कार्यानुभव अर्जित किया और अपनी रुचि को रोजगार बनाने की सोच के साथ 2017 से 2020 की अवधि में एक अग्रणी शैक्षिक प्रकाशन समूह में बतौर हिन्दी प्रूफ रीडर 3 वर्ष तक कार्य किया और अभी फिलहाल पुनः रोजगार की तलाश जारी है। कह सकते हैं कि कैरियर की दृष्टि से मैं अभी भी रोलर-कोस्टर पर ही सवार हूँ🙂
जहाँ तक लिखने की बात है मैं लगभग 7 वर्ष की आयु से लिख रहा हूँ। यह भी सच है कि पापा (श्री विजय राज बली माथुर) को लिखते देख कर ही मैंने भी लिखना सीखा है। वह विभिन्न समाचार पत्रों/पत्रिकाओं के लिये लेख लिखते रहते थे और इसी से मेरे मन में आया कि चूँकि मेरे लिये लंबे लंबे लेख लिखना कठिन था/है, इसलिए मैं कविता लिखुंगा।वैसे समय के साथ यह भी समझ आ गया कि जो मैं लिखता हूँ उसे कविता तो कहा ही नहीं जा सकता। पापा ने हमेशा मुझे लिखने के लिये हमेशा प्रेरित किया; बाहर के अन्य लोगों की तरह विद्यार्थी जीवन में सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान रखने जैसे बंधन कभी नहीं डाले। पापा की प्रेरणा से समय समय पर विभिन्न समाचार पत्रों पत्रिकाओं में मेरी कविताएँ प्रकाशित भी होती रही हैं।
फिलहाल मेरा यही ब्लॉग (www.yashpath.com) वर्ष 2010 से मेरी स्वतंत्र और स्वांतः सुखाय अभिव्यक्ति का एक मात्र साधन है।
लिखने के अतिरिक्त इंटरनेट पर नये सोफ्ट्वेयर की खोज,फोटोग्राफी और अच्छा संगीत सुनने का मुझे बहुत शौक है। लगभग 100gb गाने मेरे कंप्यूटर में सेव हैं।
और अंत में बस इतना ही कि:-
"ये जीवन है, इस जीवन का
यही है रंग रूप,
थोड़े ग़म हैं, थोड़ी खुशियाँ
यही है, यही है, यही है छाँव धूप।"
-यशवन्त माथुर-
आपका यह प्रयास सार्थक हो रहा है ... अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
ReplyDeleteआपके सार्थक प्रयास का प्रतिफल है ..सदा जय हो आपकी ..अनंत शुभ कामनाएं ..सादर अभिनन्दन !!!
ReplyDeleteआपके बारे में इतना विस्तार से जानना अच्छा लगा......शुभकामनायें.
ReplyDeleteअपने बारे में बहुत प्रयास करके ही कोइ इमानदारी से
ReplyDeleteसकता है |
बेवाक प्रस्तुति |
आशा
जीवन में यूं ही सफलता प्राप्त करते रहें। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteजीवन में यूं ही आगे बढ़ते रहें। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआज आपके बारे में विस्तार से पढ़ा-देखा,सुना और समझने का यत्न किया.
ReplyDeleteजीवन के संघर्षों ने यही सिखाया है आगे बढ़ो बस बढ़ते ही चलो...
जितना ही जीवट उतना ही आसान मुकाम...
अपने सपनों को पंख लगाये आगे की राह बनाये...
अतीत के झरोखों से निकल के वर्तमान के ठोस,कठोर और रेतीले मरुभूमि पर अपनी मंजिल की तलास जारी रखें...
ये हार्दिक शुभकामना है...
Congrat...yasvant.
ReplyDeleteशुभकामनाएं।
ReplyDeleteतेज जगे तेजस्वी हों,
ReplyDeleteमन खिल जाये मनस्वी हों,
प्राण बढ़ें ओजस्वी हों,
जहाँ रहें वर्चस्वी हों।
हार्दिक शुभकामनायें...
आप के बारे में पढ़कर बहुत खुशी हुई।
ReplyDeletegood one yashwant ,aaj kuch aur jana tumhen ,big bazaar ke baad aaj pahli baar tere baare main pada ,
ReplyDeletegood going keep up
ReplyDeleteजानने पहचानने के बाद भी , जानना अच्छा लगा
हार्दिक शुभकामनायें
LIKE....
ReplyDeleteआप के विषय में यह सब जानने से पहले ही आपकी निस्वार्थ सहायता व ज्ञान को साझा करने की प्रवृत्ति ने प्रभावित कर दिया था , ईश्वर करें आप जीवन में स्वयं तय किए मापदण्डों पर खूब सफल हों ।
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